इण्डस बालश्रम परियोजना
- Objective : सम्पूर्ण देश के 20 जिलो में खतरनाक उद्योगों में कार्यरत 5-13 वर्ष के शाला से बाहर बच्चों को बालश्रम से पृथक कर, शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए, श्रम मंत्रालय, भारत सरकार एवं इंटरनेशनल लेबर आर्गेनाइजेशन द्वारा इण्डस बालश्रम परियोजना संचालित है। इस योजना में जबलपुर जिले का चयन बीड़ी उद्योग में कार्यरत बालश्रमिकों की संख्या को देखते हुए किया गया है।
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सम्पूर्ण देश के 20 जिलों में खतरनाक उद्योगों में कार्यरत 5-13 वर्ष के शाला से बाहर बच्चों को बालश्रम से पृथक कर, शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए, श्रम मंत्रालय, भारत सरकार एवं ILO द्वारा इण्डस बालश्रम परियोजना संचालित है। इस योजना में जबलपुर जिले का चयन बीड़ी उद्योग में कार्यरत बालश्रमिकों की संख्या को देखते हुए किया गया है। संस्था द्वारा इण्डस बाल श्रम परियोजना अंतर्गत जबलपुर नगर के सुभाषचंद्र बोस वार्ड में (9-13 वर्ष) आयु समूह के बाल श्रमिकों हेतु 5 सेतु शालाओं का संचालन दिसम्बर 2004 से मार्च 2012 तक किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य बीड़ी बाल श्रमिकों को बीड़ी बनाने के कार्य से पृथक कर, शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़कर (नियमित विद्यालयों) में नामांकित करवाना है इससे करीब 2000 बाल श्रमिक लाभान्वित हुए।
इस क्षेत्र में कार्य करने हेतु अब कई नए एन.जी.ओ. आगे आ रहे है। अतः इस सेवा कार्य से सेवाभारती जबलपुर ने मार्च 2012 में स्वयं को पृथक कर लिया है।